
भारत सरकार ने ट्विटर के अड़ियल व्यवहार के खिलाफ आखिरकार ऐक्शन ले ही लिया है। अब ट्विटर को उसके प्लैटफॉर्म पर यूजर्स की गैर-कानूनी पोस्ट के लिए भी जिम्मेदार माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भारत सरकार ने वापस ली क़ानूनी सुरक्षा
- भारत ने अमेरिकी सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर पर बड़ी कार्रवाई
- सरकार ने नियमों का पालन नहीं करने के लिए ट्विटर से कानूनी सुरक्षा वापस ली
- ट्विटर को अब थर्ड पार्टी की तरफ से डाली गई गैर-कानूनी सामग्री के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा
ट्विटर को भारत में तगड़ा झटका लगा है। उसने बार-बार याद दिलाए जाने के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी नियमों (IT Rules) का पालन नहीं करने और नए दिशानिर्देशों के तहत अनिवार्य प्रमुख कर्मियों की नियुक्ति नहीं करने के कारण भारत में मिली कानूनी सुरक्षा खो दी है। सूत्रों ने बताया कि ट्विटर अब अपने प्लैटफॉर्म पर थर्ड पार्टी (यूजर्स) की तरफ से गैर-कानूनी सामग्री डाले जाने के लिए भई भारतीय कानून के तहत दंडित किया जाएगा।
ट्विटर ने आखिरी मौके की भी नहीं की थी परवाह
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे नए आईटी नियमों के तत्काल अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया था। सरकार ने आगाह किया था कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से प्राप्त छूट गंवा देगा। सरकार के सूत्रों ने पुष्टि की कि ट्विटर ने दायित्व से उसे मिली छूट गंवा दी है क्योंकि वह आईटी नियमों का पालन करने और नए दिशानिर्देशों के तहत प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति करने में विफल रहा।
इन कारणों से ट्विटर पर हुई कार्रवाई
सूत्रों ने कहा कि कंपनी द्वारा नामित स्थानीय शिकायत अधिकारी (रेजिडेंट ग्रिवासं ऑफिसर) और नोडल अधिकारी भारत में ट्विटर इंक के कर्मचारी नहीं हैं। इसके अलावा मंत्रालय को Chief Compliance Officer के नाम या विवरण के बारे में भी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा और उसे मिली कानूनी सुरक्षा नए दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण 26 मई को स्वतः समाप्त हो गई। आईटी नियमों को पालन नहीं करने वाले हर सोशल मीडिया मंच के साथ ऐसा हुआ है।
सरकार के साथ ट्विटर की तनातनी
सरकार का पिछले कुछ महीनों में कई बार ट्विटर के साथ विवाद हुआ है। ट्विटर ने हाल में कुछ भाजपा नेताओं के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ करार दिया था। इसके लेकर काफी विवाद छिड़ा है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 5 जून को कहा था कि इन नियमों के अनुपालन से ट्विटर के इनकार से पता चलता है कि ट्विटर में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने प्लैटफॉर्म पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती।
मंत्रालय ने बयान में कहा गया था कि ट्विटर ने मुख्य अनुपालन अधिकारी का ब्योरा नहीं दिया है जबकि नियमों के तहत यह जरूरी है। इसके अलावा स्थानीय शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क व्यक्ति के रूप में ट्विटर ने जो नाम दिया है वह कंपनी का कर्मचारी नहीं है। यह भी नियमों के तहत जरूरी है। मंत्रालय ने कहा कि टि्वटर इंक ने कार्यालय का जो पता दिया है वह भारत में एक विधि कंपनी का पता है और यह नियमों के तहत नहीं आता।
मंत्रालय ने ट्विटर को स्पष्ट किया था कि इस तरह के बर्ताव के चलते उसे आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट को गंवाना पड़ सकता है। सरकार के हालिया आंकड़ों के अनुसार भारत में ट्विटर के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 1.75 करोड़ है।